विपक्षी पार्टीयो ने कुछ सुझाव देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक खत लिखा और देशहित के लिए उन सुझावों पर अमल करने की बात कही (a letter to PM Narendra Modi by Opposite parties)
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देश मे हालात बद से बद्तर हो रहे है चारों और कोरोना महामारी से लोग संक्रिमत हो रहें हैं रोजाना इस बीमारी से मौतें हो रहीं हैं। हर रोज कोई अपने के लिए रो रहा है, तड़प रहा है। कहीं पर ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं है कहीं पर वैक्सीन की कमी है ऐसी बहुत बाते और दृश्य सामने आ रहें हैं जो किसी को भी झकझोर सकतें हैं। कहीं पर तालाबंदी की जा रही है कही पर सरकारी गाइडलाइन की धज्जियां उड़ाई जा रहीं है। देश को बचाने के लिए लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है लेकिन कुछ ऐसे तथ्य सामने आ रहें हैं जिसमें लोगों को वैक्सीन नहीं मिल पा रही है। पहले 45 वर्ष से ऊपर के व्यक्ति को वैक्सीन लगाई जा रही थी उसके बाद जैसे ही कोरोना महामारी ने अपने पैर पसारने शुरू किए वैसे ही सरकार ने उम्र सीमा को कम करते हुए 18 वर्ष से ऊपर के सभी लोगों को वैक्सीन लगाने की कवायद शुरू कर दी जिसको सरकार द्वारा टिका उत्सव के रूप में मनाने का आह्वान किया गया। लेकिन टिका लगवाने के लिए युवा वर्ग के बाहर आते ही वैक्सीन की कमी सामने आने लगी हालांकि सरकार इस पर मुस्तैदी से काम कर रहीं है जिसके परिणामस्वरूप नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वीके पॉल ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि स्पूतनिक वैक्सीन भारत मे पहुँच गई है और अगले हफ्ते से यह बाजार में उपलब्ध होगी।
प्रधानमंत्री के नाम लिखा खत
कोरोना बीमारी ने पूरे देश को भयावह स्थिति में खड़ा कर दिया है आर्थिकव्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है जिस तरह से तालाबंदी बढ़ाई जा रही है लोगों को पहले ही खाने के लाले पड़ चुके है लोगों की आजीविका दांव पर है, दिल्ली में आंदोलन कर रहे किसान हटने का नाम नहीं ले रहें हैं, ऐसी ही कुछ बातों को एक चिठ्ठी में उतारते हुए देश के कुछ विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम एक खत लिखा जिसमे सुझाव के रूप में दर्शाए कुछ बिंदुओं पर अमल करने की बात कही है।
बिंदु निम्न है
1. देश विदेश से वैक्सीन खरीदी जाए
2. बेरोजगारों को प्रतिमाह ₹6 हजार मिले
3. कृषि बिल वापस हो
4. वैक्सीन खरीदने हेतु पीएम केयर फण्ड के पैसे बाहर लाएं जाए
5. सभी जरूरत मंदो को मुफ्त में आनाज दिया जाए
6. सेंट्रल विस्टा प्रोग्राम पर रोक लगाई जाए
7. पूरे देश मे तत्काल यूनिवर्सल वैक्सिननेशन प्रोग्राम चलाया जाए
8. घरेलू वैक्सीन उत्पादन विस्तार के लिए लाइसेंस अनिवार्यता
9. वैक्सीन के लिए आवंटित ₹35000 करोड़ वैक्सीन के लिए खर्च किये जायें।
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