ये है ऑनलाइन शिक्षा पद्धति की सच्चाई, विद्यार्थियों की शिक्षा ग्रहण करने की शैली को इस तरह से किया है प्रभावित



कोरोना महामारी से पूरे देश में लगे लॉकडाउन के कारण देश भर के सभी स्कूलों को 22 मार्च 2020 को बंद कर दिया गया था जो अभी तक भी बंद थे और जिस तरह से विश्व स्वास्थ्य संस्था की ओर से कोरोना महामारी की तीसरी लहर के आने की बात कही गई है उससे इस वर्ष भी विद्यालयों में पूर्ण रूप से शिक्षण कार्य संचालित करने की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है। 

विद्यालयों के बंद होने से विद्यालय संचालकों के सामने बहुत विकट समस्या खड़ी हो गई है लेकिन उससे कहीं ज्यादा विद्यार्थियों के भविष्य पर इसका गहरा असर पड़ने वाला है। क्योंकि विद्यालयों में शिक्षण कार्य न होने से विद्यार्थियों की पढ़ाई में रुचि में गिरावट आई है। हालांकि लगभग सभी विद्यालयों में ऑनलाइन शिक्षा पद्धति का उपयोग करते हुए विद्यार्थियों को पढ़ाने का काम किया जा रहा है लेकिन यह पद्धति कितनी कारगर है इसका अंदाजा लगाना बड़ा ही आसान है क्योंकि विद्यार्थियों के अंदर ऑनलाइन शिक्षा को लेकर उत्साह व रुचि कम दिखाई दे रही है। हालांकि भारतीय सरकार ऑनलाइन शिक्षा पद्धति को बढ़ावा देने की बात कर रही है और इसका परिणाम देखने को भी मिल रहा है। आज के समय में हर शिक्षण संस्थान नए-नए एप्लीकेशन के माध्यम से शिक्षण कार्य कर रहे हैं इसको तकनीकी विकास कहें या विद्यार्थियों के भविष्य से खिलवाड़?


How online education influenced the study of the students

कोरोना महामारी से लगे लॉकडाउन के शुरुआती दौर में जब विद्यालयों में शिक्षण कार्य को पूर्ण रूप से बंद कर दिया गया था उस दौरान ऑनलाइन शिक्षा पद्धति उभर कर सामने आई। प्रारंभ में सभी शिक्षण संस्थानों ने इस पद्धति का पूरे जोश व उत्साह के साथ उपयोग किया लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया ऑनलाइन शिक्षण में भी गिरावट देखने को मिली। ऑनलाइन शिक्षा पद्धति के इस उतार-चढ़ाव के पीछे बहुत से कारण हो सकते हैं। विद्यालयों में शिक्षा शुल्क जमा न होना भी एक मुख्य कारण हो सकता है क्योंकि विद्यालय में फीस जमा न होने का मतलब है की शिक्षकों को समय पर तनख्वाह न मिलना। क्योंकि इस कठिन समय में शिक्षकों को अपने परिवार का गुजर बसर करना मुश्किल हो गया है जिसके बारे में मैं तो राज्य सरकार की सोच रही हैं और न ही केंद्र सरकार सोच रही है।


ऑनलाइन शिक्षा पद्धति कितनी प्रभावी है इसको जानने के लिए हमने एक सर्वेक्षण किया जिसमें कुछ चौकाने वाले तथ्य सामने आए। हमने एक सर्वेक्षण के द्वारा ऑनलाइन शिक्षा पद्धति को लेकर अभिभावकों व विद्यार्थियों से कुछ प्रश्न पूछे तो उसके जवाब में हमे जो डेटा मिला उससे यही प्रतीत होता है कि ऑनलाइन शिक्षा पद्धति पूर्ण रूप से प्रभावी नहीं है। इस पद्धति से विद्यार्थियों के सीखने की शैली में भी गिरवाट देखने को मिली है क्योंकि विद्यार्थी उतनी रुचि से ऑनलाइन कक्षाओं में भाग नही लेते है जितने उत्साह से वें विद्यालय में जाते है और वहाँ पढ़ाई करतें हैं। सर्वेक्षण के आधार पर ऑनलाइन पढ़ाई ऑफलाइन कक्षाओं के मुक़ाबले कमजोर कड़ी साबित हुई है।

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