बंगाल (bengal) बीजेपी अध्यक्ष का श्रीराम भक्तों की आस्था पर सीधा हमला?

अपने आप को हिंदूवादी राजनैतिक दल कहलाने वाली भारतीय जनता पार्टी ने जिस तरह से अयोध्या में राम मंदिर के मसले को हल कर वहां मंदिर बनाने की तैयारी शुरु की है उससे हिन्दू धर्म के लोगों में केंद्र में काबिज बीजेपी व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति ओर ज्यादा भरोसा ओर आत्मविश्वास बढ़ गया है। हो भी क्यो न? जिस देश मे लोग श्री राम को प्रभु यानी भगवान का दर्जा देते हो वहाँ उनके भगवान का मंदिर बनना उनके लिए बहुत बड़ी बात है। और वो भी ऐसे स्थान पर जिस पर एक लंबे समय से विवाद चल रहा हो। 
लेकिन क्या भगवान को एक राजनीतिक पहलू के नजरिए से देखना सही है? 
क्या प्रभु श्रीराम की तुलना अमिताभ बच्चन से करना सही है?
किसी भी पुरुष देवता को भगवान या प्रभु बोलकर अपनी आस्था प्रकट की जाती है कभी किसी भगवान को हम बाप या पिता नही बोलते है? इसी के उलट हम किसी भी देवी जिसकी पूजा की जाती है को माँ बोलते है। अब सवाल यह आता है कि क्या प्रभु ओर माँ को हम एक नजर से देख सकते है या उनमे भी किसी तरह का भेदभाव होंता है? 
इन सब सवालों का जवाब तो सिर्फ बीजेपी ही दे सकती है।


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दिलीप घोष ने कहा, हम श्रीराम के ऊपर राजनीति करते है।

आपको बता दे इंडिया टुडे के एक कार्यक्रम में बंगाल (bengal) प्रांत के बीजेपी अध्यक्ष dilip ghosh ने टी एम सी के दुर्गा वाले बयान पर बोलते हुए कहा कि ये दुर्गा जाने कहाँ से आ जाता है? हम यानी बीजेपी श्री राम के ऊपर राजनीती करते है क्योंकि वो एक राजा थे और दुर्गा एक माँ है इसलिए दुर्गा देवी के ऊपर राजनीति नहीं करनी चाहिए। लेकिन शायद दिलीप जी इस बात से अनजान है कि इस देश के लोग श्रीराम को भगवान मानते है उनकी पूजा करते है। लोगों की उनमे आस्था है और आप बोल रहें है कि हम सिर्फ उन पर राजनीति करते हैं।क्योंकि वो एक राजा थे। क्या हो गया है बीजेपी के ऐसे लोगों को जो राम भक्तों की आस्था व श्रद्धा को दरकिनार करते हुए ऐसी उल्टी पुल्टि बाते बोलतें है।
आजतक चैनल की एंकर अंजना ओम कश्यप ने जब दिलीप घोष से इस बारे में सवाल किए तो उन्होंने यहां भी कमी नहीं कि उन्होंने अभिनेता अमिताभ बच्चन की तुलना भगवान श्रीराम से करते हुए कहा कि लोग अमिताभ की भी पूजा करतें हैं क्या यह तुलना करना सही है? इतना ही नहीं घोष ने कहा कि हम श्री राम को राजा मानते है इसलिए उनके ऊपर राजनीति करते हैं लोग पूजा करते हों तो उससे हमें क्या? अब इसका क्या मतलब हुआ घोष जी? आपको नहीं लगता भगवान में आस्था रखने वाले भक्तों के लिए ये कथन बहुत ही आहत करने वाला है?
जब अंजना ने पूछा कि अयोध्या में राम मंदिर बनेगा या महल तो घोष ने जवाब दिया कि श्री राम एक राजा थे इसलिए अयोध्या में महल बनेगा। तो बीजेपी पार्टी ये भी बता दे कि अयोध्या में अगर महल बनेगा तो क्या राम भक्तों को वहाँ पूजा करने की अनुमति होगी या नही? 
हालांकि दिलीप घोष अपनी बातों में प्रभु श्रीराम को भगवान श्रीराम बोलतें रहें। 
देश की जनता चाहती है कि कोई भी राजनैतिक दल देवी देवताओं पर राजनीति न करें लेकिन एक तरफ बंगाल बीजीएपी अध्यक्ष अनुसार बीजेपी भगवान श्रीराम के ऊपर राजनीति करती है वही दूसरी ओर इसी पार्टी के बंगाल प्रांत अध्यक्ष अन्य राजनैतिक दल को किसी भी देवी माँ के ऊपर राजनीति न करने की सलाह भी देते हैं। अजीब तरह की राजनीति होती है जहाँ सत्ता पाने के लिए भगवान का भी इस्तेमाल किया जाता है।

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