जातिसूचक शब्द लिखा जूता बेचने पर हवालात की हवा

एक जूता बेचने वाले को जूता बेचना इतना महंगा पड़ा कि उसे हवालात की हवा खानी पड़ी कसूर इतना था कि ठाकुर शू कम्पनी का ठाकुर लिखा जूता बेच रहा था।

मामला उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर का है जहाँ बजरंगदल के एक कार्यकर्ता ने एक जूता बेचने वाले नासिर के ऊपर यह आरोप लगाया कि वह ठाकुर लिखा जूता बेच रहा है जो कि जाति विशेष को दर्शाकर जाती के नाम पर दंगा कराना चाहता है ओर इसी को मुद्दा बनाकर बजरंगदल नेता ने अपने नजदीकी थाने में इसकी शिकायत की इसी आधार पर पुलिस ने नासिर के ऊपर कई धाराओं में मुकदमा दर्ज कर दिया था हालांकि नासिर को कई घंटे बाद छोड़ दिया गया।

नासिर के पास दो चार जोड़ी इस तरह के जूते मिले है लेकिन क्या जूता नासिर ने बनाया बिल्कुल नही वह तो सिर्फ उसको बेच रहा था आपको बता दे वह जूता आगरा की ठाकुर शू कंपनी का है जिस पर इस कंपनी का नाम लिखा है तो फिर मुकदमा सिर्फ नासिर पर ही क्यों?

जब बुलंदशहर पुलिस से पत्रकारों ने बात करनी चाही तो उन्होंने कोई जवाब नही दिया लेकिन बुलंदशहर के पुलिस ट्वीटर हैंडल पर पुलिस अपनी प्रतिक्रिया देती रही जिसमे उन्होंने लिखा कि जो भी हमने किया है सही किया है अगर हम ऐसा नही करते तो इससे बात ज्यादा बढ़ सकती थी और जातिवाद हिंसा फैल सकती थी पर महोदय अगर ऐसा था तो फिर नासिर को छोड़ा क्यो ? जिस तरह से योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश में जातिसूचक शब्द लिखें वाहनों पर कार्यवाही के आदेश दिए है कही ऐसा तो नही की उसी आधार पर बजरंगदल कार्यकर्ता और पुलिस ने ऐसा किया हो ? 

लेकिन अब यह देखना दिलचस्प होगा कि जिस तरह से एक गरीब जूता बेचने वाले के ऊपर कार्यवाही की गई क्या इस ठाकुर फुटवियर कंपनी पर भी कोई मुकदमा लिखा जाएगा क्योंकि इस कंपनी के नाम मे जातीसूचक शब्द लिखा है? ओर अगर कार्यवाही होती है तो उन सभी कम्पनियों की खैर नही जो जातिसूचक शब्दों के आधार पर कम्पनी का नाम ऱखते हैं।



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