UP govt द्वारा किसानों से 10 लाख तक के बांड भरवाने को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट नाराज, मांगा जवाब

दो महीने से दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन के बीच कुछ दिन पहले उत्तर प्रदेश के किसानों को योगी सरकार की और से 50 हजार रुपये से लेकर 10 लाख रुपए तक का पर्सनल बॉन्ड भरने का नोटिस दिया गया था ये नोटिस इसलिए दिया गया था क्योंकि सरकार को यह आशंका थी कि ये किसान, किसान आंदोलन के तहत कानून व्यवस्था का उल्लंघन कर सकते है। इस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यू पी सरकार से 2 फरवरी तक जवाब मांगा है कि आखिर किस आधार पर सरकार ने गरीब किसानों को ब्रीच ऑफ पीस के ये नोटिस भेजें है। आपको बता दें लखनऊ से 80 किमी दूर सीतापुर जिले में ट्रैक्टर रखने वाले किसानों को 50 हजार से लेकर 10 लाख रुपये तक का पर्सनल बॉन्ड व इतने की ही सिक्योरिटी जमा करने को कहा था। हाईकोर्ट की दो जजो की पीठ ने सामाजिक कार्यकर्ता अरुंधति धुरू की याचिका पर सुनवाई की जिसमे याचिकाकर्ता ने यह बताया कि सीतापुर के सैकड़ों किसानों को UP govt की ओर से यह नोटिस भेजा गया था उन्होंने बताया कि नोटिस न तो बस आधारहीन है बल्कि किसानों के अधिकार छीनने वाला है क्योंकि पुलिस उनके घरों को घेरकर बैठी है ओर वो अपने घर से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। याचिककर्ता ने यह भी बताया कि ये नोटिस स्थानीय पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर तैयार किया गया था और किसानों को अपना पक्ष रखने का मौका तक नही दिया गया। NDTV की एक ख़बर के अनुसार सीतापुर के SDM द्वारा जारी किये गए नोटिस में यह कहा गया था कि उपरोक्त लोगों में किसान आंदोलन को लेकर आपसी विवाद है जिससे चलते तनाव की स्थिति बनी हुई है जिससे ये कभी भी शांति भंग कर सकते है ऐसे में इन नोटिसों के जरिये दोनों पक्षों को भारी जमानतों से पाबंद करना जरूरी है।

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