Uttar pradesh में lockdown को लेकर योगी सरकार का एक ओर बड़ा फैसला

2 दिन से बढ़ाकर तीन दिन का किया lockdown

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ


कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए उत्तर प्रदेश में अब से सप्ताह में तीन दिन के लिए लॉकडाउन रहेगा जिसमे सिर्फ आवश्यक सेवाओं को छूट रहेगी।

Uttar pradesh की योगी सरकार ने प्रदेश में lockdown की समयावधि बढ़ाने का फैसला लिया है जिसमे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सप्ताह में दो दिन लगने वाले कर्फ़्यू को इस बार सप्ताह में तीन दिन (शुक्रवार रात्रि 8 बजे से मंगलवार प्रातः 7 बजे तक) लॉकडाउन में बदलने का आदेश दिया है। जिसका सीधा अर्थ है कि सरकार कोरोना के प्रसार से जनता के प्रति चिंतित है जिसको लेकर प्रदेश के मुखिया ने स्थानीय प्रशासन को अपने स्तर से महामारी अधिनियम एक्ट का उल्लंघन करने वालो के खिलाफ सख्त कानूनी करवाई करने का आदेश दिया है इसलिए इस बार पहले की अपेक्षा ज्यादा सख्ती रहेगी।

Lockdown की अटकलों को पहले खारिज किया फिर हालात को देखते हुए लगाया लॉकडाउन

कुछ दिन पहले तक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश में lockdown लगने की अटकलों को गलत साबित कर रहे थे उनक कहना था कि हमे जनता की आजीविका को भी बचाना है और लोगों को इस महामारी से भी बचाना है। लेकिन पहले सप्ताह में नाइट कर्फ़्यू फिर दो दिन का कर्फ़्यू और अब सप्ताह में तीन दिन की तालाबंदी कहीं आने वाले समय मे पूर्ण लॉकडाउन की ओर तो इशारा नहीं कर रहा है? अगर ऐसा हुआ तो शायद जिस आजीविक का हवाला देते हुए सरकार जनता को बचाने की कोशिश कर रही है कहीं ऐसा न हो कि प्रदेश में पटरी पर लौट रही बेरोजगारी की गाड़ी वापिस उसी ठहराव की स्थिति में ना आ जाए क्योंकि पिछले वर्ष बेरोजगारी की मार ने जनता को ऐसे पड़ाव पर लाकर खड़ा कर दिया था कि कुछ ऐसे लोग भी थे जिन्हें मांग मांग कर खाना पड़ा था हालांकि केंद्र व राज्य सरकार ने मुफ्त राशन वितरण भी किया था लेकिन ऐसे बहुत से दृश्य सामने आए जिसमे राशन डीलरो ने गरीबो का गला काटकर अपनी जेबें भरने की कोशिश की थी और इस दौरान कुछ राशन डीलर पकड़े भी गए थे। इस बार जनता को सरकार से कुछ ज्यादा ही उम्मीदें होंगी।

क्या जनता को कोरोना महामारी से बचाने का लॉकडाउन ही एक मात्र उपाय है?

जिस तरह से कोरोना जैसी लाइलाज बीमारी पूरे देश को अपनी गिरफ्त में ले लिया है और आये दिन विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से चेतावनी दी जा रही है उससे लगता है इस महामारी की तीसरी लहर ओर भी ज्यादा खतरनाक होने वाली है। लेकिन कुछ लोग अभी भी सरकारी गाइडलाइन का उलंघन करते हुए देखे जा रहे हैं। जिसका सीधा मतलब है कि लोगों में इस बीमारी का भय नही है उन परिवारो से पूछिये जिनका आये दिन कोई अपना इस बीमारी के कारण मौत की आगोश में समा रहा है। लोगों द्वारा लापरवाही के चलते यह महामारी अपने पैर पसार रही है जो कि अपने आप मे एक भयावह स्थिति को जन्म दे रही है। इसलिए सरकारो को लॉकडाउन के अलावा कोई दूसरा रास्ता शायद ही नजर आ रहा हो। ये जनता के हाथ मे है की lockdown लगाया जाए या सरकारी गाइडलाइन का पालन किया जाए। 

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