मुख्य सचिव को पत्र लिखकर agartala district megistrate को हटाने की मांग

 जिला अधिकारी अगरतला शैलेश कुमार यादव ने कोरोना के नाम पर शादी में आए लोगों से की अभद्रता, पुलिसकर्मियों को दिखाया पद का रौब


अंग्रेजी में एक कहावत 'men is like an animal without education.' अर्थात बिना शिक्षा के मनुष्य एक पशु के समान होता है। लेकिन कुछ ऐसे दृश्य सामने आते है जिन्हें देखने से लगता है कि 'an educated man sometimes can be like something else or beyond the expectations. अर्थात कभी कभी एक शिक्षित मनुष्य भी उम्मीदों से परे हो जाता है। कहा जाता है कि उच्च शिक्षा ग्रहण करने से व्यक्ति के अंदर बहुत से अच्छे गुण विकसित हो जाते है। सबसे पहले बोलने का सलिखा, कितना बोलना है क्या बोलना है इन सब बातों का ज्ञान हो जाता है। देश मे कुछ ऐसे पद है जिनकी गरिमा को बनाये रखना उस पद पर बैठे उच्च शिक्षित व्यक्ति की जिम्मेदारी होती है। उनमें से सबसे महत्वपूर्ण पद आई ए एस का होता है जिसको अलग अलग पद पर रहते हुए अलग अलग क्षेत्रो में अपनी जिम्मेदारी को बख़ूबी अंजाम देना होता है लेकिन कभी कभी कुछ अधिकारी क्रोध में अपना आपा खो बैठते है और अपने पद की गरिमा को दांव पर लगाते हुए कुछ भी कर गुजरते है हालांकि बाद में इसका एहसास होने पर उन्हें याद आता है कि वो सरकार के नही जनता के नौकर है।

ऐसा ही एक मामला त्रिपुरा के अगरतला का सामने आया है

Agartala district magistrate sailesh kumar yadav raided in mankyam hall

बीती रात मंगलवार को अगरतला के जिलाधिकारी शैलेश कुमार यादव ने अगरतला में छापा मारा तो वहाँ इकट्ठे हुए लोगों को देखते ही आगबबूला हो गए और सबको खरी खोटी सुनानी शुरु कर दी। शादी कराने आये पंडित को थप्पड़ मारा और दूल्हे को गर्दन पकड़ कर बाहर निकालते हुए सबको गिफ्तार करने का पुलिस को आदेश दे दिया। साहब का रवैया तो देखिए जब उनको अनुमति पत्र दिखाने की कोशिश की गई तो साहब ने वो पत्र ही फाड़ दिया। यहाँ तक कि पुलिसकर्मियों को चोर तक बोला ओर निलंबित कराने सिफारिश भी कर डाली। उनके इस आचरण से कुछ लोगो मे बहुत खुशी है लेकिन कुछ लोग इससे बहुत नाराज है। कुछ का कहना है कि उन्होंने सख्ती से नाइट कर्फ़्यू का पालन कराने की कोशिश की है। पर क्या सख्ती से पालन कराने का मतलब लोगों को डंडो से पिटवाना, किसी महिला से कैसे भी बात करना ओर पुलिसकर्मियों से गलत लहजे से बात करना है? जहाँ तक सख्ती से पालन कराने का मतलब है जो भी गाइडलाइन का उल्लंघन करता है उसके ख़िलाफ़ एफ आई आर कीजिये, गिरफ्तार कीजिये, कानूनी करवाई अमल में लाइए। पर इसका ये मतलब नही की की आप on the spot पहले उनके ऊपर डंडे चलवाएंगे फिर हवालात में डलवाएँगे। 

धारा 353 का हवाला देते हुए करवाई करने का भी आदेश दे दिया

वाइरल वीडियो में जिलाधिकारी महोदय एक व्यक्ति के खिलाफ पुलिसकर्मियों को धारा 353 के तहत करवाई करने का आदेश दे रहे है और उस व्यक्ति का दोष इतना है कि वह सिर्फ डी एम साहब को कुछ कहने को कोशिश कर रहा है जिसमे वह डी एम साहब के बोलने के रवैये का विरोध कर रहा है न कि उन्हें अपने काम को करने से रोक रहा है।

डी एम शैलेश कुमार यादव ने मांगी माफी

हालांकि जिलाधिकारी महोदय ने अपने इस रवैये के लिए माफी मांगते हुए कहा कि मेरा इरादा किसी की भावनाओं को ठेस पहुँचाना नही था मैंने ऐसा सिर्फ मानव भलाई के लिए किया है लेकिन फिर भी यदि मेरी इस कार्यशैली से किसी को कोई दुख पहुँचा हो तो मैं उसके लिए माफी चाहता हूँ।

सख्ती से कराया गया कोरोना समंबधित गाइडलाइन का पालन पर कुछ अपनी तरफ से भी जोड़ दिया शायद

dm साहब द्वारा किये गए कोरोना बचाव रेड से शादी में आये लोगो की भावनाएं आहत हुई है क्योंकि किसी भी व्यक्ति के साथ ऐसा बर्ताव किया जाए तो वह अंदर से पूरी तरह झकजोर जाता है। वायरल वीडियो अनुसार साहब बता रहे है आप लोग शिक्षित है और आप ही धारा 144 का उलंघन कर रहे है गाइडलाइन का पालन नही कर रहे हो। लेकिन क्या गाइडलाइन में ये लिखा है कि जिलाधिकारी जाएंगे और किसी के खिलाफ कानूनी करवाई करने से पहले उनको थप्पड़ मरेंगे ओर डंडे चलवाएंगे फिर कानूनी करवाई होगी? डी एम के इस रवैये से नाराज बी जे पी के कुछ नेता, एम एल ए व पार्टी के लॉ मेकर सुशांता चौधरी ने मुख्य सचिव मनोज कुमार को पत्र लिखकर डी एम शैलेश कुमार यादव को हटाने की मांग की है। कुछ भी हो dm साहब तो कुछ समय मे ही इंटरनेट सनसनी बन गए जिनको सिर्फ कुछ लोग ही जानते थे आज उनको पूरा देश इंटरनेट पर खोज रहा है।

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