लॉकडाउन के पिटारे से निकलती जमाखोरी की तस्वीरें, ग्राहकों की जेबों पर डाका

कोरोना की दूसरी लहर ने पूरे देश को किया चपेट में

सोने की चिड़िया कहे जाने वाला भारतवर्ष आज गरीबी की मार को किस कदर झेल रहा है इसका अंदाजा लगाना थोड़ा मुश्किल है इसके पीछे कोई एक नही अनेको कारण हो सकते है। महंगाई का बढ़ना एक मुख्य कारण है जिससे जनता पूरी तरह आहत होती दिख रही है।

कोरोना काल से पहले ही इतनी महंगाई हो चुकी थी और शायद किसी ने ये भी नही सोचा होगा कि अचानक कोई ऐसी बीमारी आएगी जिससे जीवन यापन प्रभावित हो जाएगा और देश की अर्थव्यवस्था भी बैसाखियों पर चलने को मजबूर हो जाएगी। धीरे धीरे सब ठीक होता नजर आ रहा था लेकिन कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने आते ही पूरे देश को फिर से अपने चपेटे में ले लिया ओर हालात बेक़ाबू होते दिख रहे है क्योंकि शायद हम इसके लिए पूरी तरह से तैयार नही थे इसी लापरवाही के कारण आज हम उन परिस्थितियों से गुजर रहे है कि चारो तरफ कोई न कोई परिवार रोज किसी अपने से दूर हो रहा है बावजूद इसके अभी भी इस बीमारी का कोई उपचार नजर नही आ रहा है।


Image source: poetry fort.com

लॉकडाउन के पिटारे से निकलती जमाखोरी

lockdown लगे न लगे पर जमाखोरों के वारे के न्यारे हो जाते है। ऐसा इसलिए क्योंकि उत्तर प्रदेश में अभी सिर्फ 35 घंटे का लॉकडाउन लगाया गया था जिसे देखते हुए कुछ दुकानदारों ने तम्बाकू, गुटखा को ज्यादा मूल्य पर बेचना शुरू कर दिया और कुछ ने तो सामान जमा करना शुरू कर दिया है ताकि वे अप्रत्यक्ष रूप से ग्राहकों की जेबों पर डाका डालकर ज्यादा मुनाफा कमा सकें। पहले भी ऐसा ही हुआ था और इस तरह की कई घटनाएं सामने आई थी जहाँ स्वयं अधिकारियों को जाकर इन जमाखोरों पर लगाम लगानी पड़ी थी। प्रशासन को चाहिए अभी से इन पर रोक लगाए और किसी भी सामान को अधिक मूल्य (एम आर पी से ज्यादा) बेचने पर जुर्माना या कानूनी कारवाई अमल में लाई जाए। ताकि ये जमाखोरी न कर सके और ग्राहकों को न लूट सकें।


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